हम इतने अधिक व्यस्त हैं कि खुद के लिए भी टाइम निकालना नामुमकिन सा लगता है। जिस कारण हम स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और इसका प्रभाव हमारे शरीर के साथ-साथ स्वभाव पर भी दिखने लगता है, जैसे हर समय चिड़चिड़ापन, अनिंद्रा, किसी कार्य में मन नही लगना आदि। व्यस्तता हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालती है जिस कारण हमे स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। मानव ने अपनी आवश्यकताओं में इतनी अधिक वृद्धि कर ली है कि वह हमेशा उन्हें पाने और पूर्ण करने के लिए लगा रहता है और भावनात्मक रूप से परेशान हो जाता है। वर्तमान समय में हर लिंग, वर्ग, उम्र के लोगो में तनाव देखा जा सकता है। क्योंकि बहुत सी ऐसी आदतें हैं जो मेंटल हेल्थ को खराब करती हैं। ऐसे में व्यक्ति को स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है और लाइफ से हैप्पीनेस का एंड हो जाता है। इसीलिए आज हम आपको उन चीज़ों के बारें में बताने वाले हैं जो आपकी मेंटल हेल्थ को इफेक्ट करती हैं तथा डिप्रेशन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ाती है।
ये 5 चीजें कर रही हैं आपकी मेंटल हेल्थ को प्रभावित
सब कुछ नियंत्रित करने का प्रयास
सब कुछ नियंत्रित करने का प्रयास चिंता का कारण बन सकता है, यह आपको क्रोधित, असहाय, नकारात्मक अनुभव करवा सकता है। कई चीज़ें ऐसी हैं जिन्हें आप कंट्रोल नहीं कर सकते। सबकुछ आपके हाथ में नहीं है! सामने वाला व्यक्ति क्या करेगा, क्या सोचेगा या फिर आने वाले दिन में क्या होगा इसे कंट्रोल करने की कोशिश या इसके बारे में सोचना भी व्यर्थ ही है।
यहां क्लिक कर सुकूनमंत्रा के WhatsApp Channel से जुड़िये।इसके अलावा अगर आप आपके ग्रुप में सब कुछ अपने तरीके से कराने की कोशिश करते हैं, या फिर लोगो की पसंद को हमेशा ठुकराते हैं और उन्हें कभी भी प्रोत्साहित नही करते हैं तो आपको इस आदत को तुरंत ही छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालती है। आप सब कुछ परिवर्तित नही कर सकते हैं और ना ही अपने विचारो को किसी पर थोप सकते हैं। ऐसा करना किसी की भी भावनाओं को आघात पहुंचा सकता है जिसका प्रभाव आपको भी झेलना पड़ सकता है।
परिवर्तन का विरोध
कुछ लोगो में परिवर्तन का भय होता है। इस कारण वे हमेशा परिवर्तन का विरोध करते हैं, पर उन्हें यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि प्रगति का दूसरा पहलु परिवर्तन ही है। बिना परिवर्तन के आपका जीवन स्थिर हो सकता है और आप नये अनुभवों से वंचित रह सकते हैं, जो आपकी असफलता का कारण भी बनता है और आप पर मानसिक प्रभाव भी डालता है। एक अच्छे परिवर्तन से विचलित होने के स्थान पर उसे स्वीकार करना चाहिए और नये अनुभवों का बोध करना चाहिए। ऐसा करने से शुरुआत में आपको मुश्किलें आ सकती हैं पर अंततः आपको आनंद तथा उल्लास अवश्य प्राप्त होगा।
गपशप (Gossips) में लगे रहना
गपशप अथवा गॉसिप्स हर किसी को पसंद होती है। नया नया मिर्च मसाला या अफवाहें सुनाने में लोगों को बड़ी दिलचस्पी होती है। हर कोई इन्हीं की तलाश में रहता है पर ये गॉसिप्स न केवल आपका समय बर्बाद करती हैं बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ पर भी प्रभाव डालती हैं। कई लोग होते हैं जो सोशल मीडिया पर बैठकर एक पोस्ट पर लोगों के कमैंट्स पढ़ते रहते हैं या लोगों की कमैंट्स में लड़ाइयां पढ़ते रहते हैं! इससे आपका कोई लाभ नहीं होगा!
किसी Guilt या Shame के साथ जीना
Guilt या Shame को हमेशा अपने मन में रखना आपको मानसिक रूप से बीमार कर देता है, जिससे कई लक्षण जन्म ले सकते हैं जैसे आत्मविश्वास में कमी, सामाजिक दूरी, बुरे विचार आदि। Guilt और Shame के साथ वह लोग जीते हैं जिन्हें स्वयं के निर्णयों पर ही संदेह होता है तथा वे कभी भी खुल कर बात नही कर पाते हैं। आपको अगर किसी प्रकार की परेशानी है तो अपने साथी, दोस्त या परिवार वालों से बातचीत करना बेहद जरुरी है। ऐसा करने से आप कमजोर सिद्ध नही होंगे बल्कि आपको एक अलग ही ऊर्जा प्राप्त होगी जो आपको बुरे विचारों के साथ जीने से रोक सकती है। गलतियाँ हर किसी से होती हैं। अगर आपसे कोई गलती हुई है तो उसे जीवन भर के लिए पछताते रहना या गिल्ट महसूस करना आपकी उस गलती को बदल नहीं सकता। उससे आगे बढ़िए।
अपने बारे में नकारात्मक बातें करना
अपने बारे में नकारात्मक बातें करना आप पर बहुत ही बुरा असर डालता है। ऐसा करने से तनाव के स्तर में वृद्धि होती है और साथ ही असहायता की भावना भी बढ़ सकती है। नकारात्मक बातें जैसे “मैं कभी भी कुछ भी सही नहीं कर सकता!”, “मैं इसमें उतना अच्छा नहीं हूं” आदि आपको हतोत्साहित करती हैं। अगर आप कोई कार्य कर भी सकते हैं तो इस प्रकार की बातें आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा को बड़ा देती हैं जिस कारण आप और भी अधिक स्ट्रेस में जा सकते हैं तथा मानसिक रूप से व्याकुल हो सकते हैं।
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