सोशल मीडिया एडिक्शन

How to get rid of Social Media Addiction: सोशल मीडिया की आदत आजकल अधिकतर लोगों के लिए समस्या है। डिजिटल युग में अपने जीवन की हर छोटी-बड़ी बात लोग सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। यदि आप भी हर थोड़ी देर में अपना फ़ोन सोशल मीडिया अपडेट देखने के लिए चेक करते हो तो आपको सोशल मीडिया की आदत लग चुकी है। सोशल मीडिया ने हम पर जो पकड़ बना रखी है, उससे मुक्त होना काफी कठिन हो सकता है। एक शोध में पता चला है कि लगभग 36% लोग सोशल मीडिया के एडिक्ट हो चुके है। यह लत युवा और महिलाओ में अधिक है। साथ ही साथ बच्चे और पुरुष भी इसके आदि हो रहे हैं। क्या आपको सोशल मीडिया एडिक्शन से पाना है छुटकारा? ट्राय करिये ये इजी हैक्स!

सोशल मीडिया का उपयोग पर्सनल और कमर्शियल दोनों कार्यों के लिए किया जाता है। आप इंटरनेट के माध्यम से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जुड़े होते हैं, एक दूसरे के साथ जानकारियों का आदान प्रदान कर सकते हैं। इसके वैसे कई फायदे हैं लेकिन जब आप सोशल मीडिया को जरूरत से ज्यादा उपयोग करते हैं तो इसे सोशल मीडिया की लत के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक परिणामों को जन्म देता है। इन नकारात्मक परिणामों में रिश्ते, काम, स्कूल के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।

यहां क्लिक कर सुकूनमंत्रा के WhatsApp Channel से जुड़िये।

सोशल मीडिया एडिक्टिव क्यों है?

इंटरनेट ने दुनिया को एकदम बदल कर रख दिया है। तेज़ी से हो रहे इंटरनेट के विकास, अल्गोरिदम्स और AI के डेवलपमेंट से काफी प्रोडक्ट्स और तकनीकों में ऐसी क्रांति आयी है कि अब इंसानों का काम भी किसी वेबसाइट या टूल को थोड़े बहुत दिशा-निर्देश देकर कराया जा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मालिकों ने भी इन तकनीकों का उपयोग करते हुए अपने प्लेटफॉर्म्स को इतना बेहतर बनाया है कि ये आपके बिहेवियर, लाइक्स के आधार पर पोस्ट्स दिखाते हैं। और इन पोस्ट्स को देखने के लिए आपके 24 घंटों को समय भी कम पड़ जायेगा! इसे डूम स्क्रॉलिंग कहा जाता है, ये एक ऐसा लूप है जिसमें कभी न खत्म होने वाले कंटेंट में यूजर उलझ जाता है और उसे समय का पता ही नहीं लगता।

उदाहरण के लिए अगर आप इंस्टाग्राम पर क्यूट कैट्स के फोटोज को लाईक कर देते हैं तो इंस्टाग्राम आपको कैट्स वाले कंटेंट ही दिखाता रहेगा।

सोशल मीडिया एडिक्शन के लक्षण

  • सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा टाइम स्पेंड करना।
  • रियल लाइफ एक्टिविटीज और हॉबीस से दुरी बनाना।
  • दोस्तों, परिजनों के साथ होते हुए भी उनसे बात करने से बचना और सोशल मीडिया का उपयोग करते रहना।
  • जब आप सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं कर रहे तब भी इसके बारे में ही सोचना! जैसे कि आपके दोस्त ने कोई नयी पोस्ट्स तो नहीं की? सोशल मीडिया पर कोई नया ट्रेंड तो नहीं चल रहा?
  • जब आपका इंटरनेट बंद हो या किसी वजह से सोशल मीडिया उपयोग नहीं कर पा रहे तो एंग्जायटी और इरिटेशन महसूस करना।
  • अपने इमोशंस से बचने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना।
  • सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह से व्यस्त हो जाना कि वो आपके जीवन, वर्क लाइफ, स्कूल और रिश्तों पर प्रभाव डालने लगे।
  • कहीं घूमने जाएं तो उसे रियल टाइम में एन्जॉय न करते हुए सोशल मीडिया पर अपडेट्स डालते रहना।

कैसे दूर करें इस एडिक्शन को?

निर्धारित करें समय सीमा

यदि आप भी सोशल मीडिया की लत से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके सर्वोत्तम तरीकों में से एक यह है कि आप सोशल मीडिया पर कितना समय बिताते हैं इसकी सीमा निर्धारित करें। यदि आप अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं, तो अपने उपयोग को और भी कम करने का प्रयास करें। आप केवल दिन के निश्चित समय या सप्ताह के कुछ दिनों में सोशल मीडिया का उपयोग करके भी सीमाएँ निर्धारित कर सकते हैं। दिन में एक निश्चित समय पर केवल सोशल मीडिया का उपयोग करें। यह दिन में 1-2 घंटे हो सकता है, लेकिन इससे अधिक नहीं। अर्थात जो भी डिजिटल टाइम आपने अपने लिए फिक्स किया है उसमें ही सोशल मीडिया का उपयोग करें। इसके लिए आप एंड्राइड पर डिजिटल वेल्बीइंग एप्प का उपयोग करके या फिर अपने iOS डिवाइस पर स्क्रीन टाइम सेटिंग से एप्प टाइम लिमिट ऐड कर सकते हैं।

सोशल मीडिया से ब्रेक लें

यदि आप सोशल मीडिया एडिक्ट हो गए हैं और इसके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो इससे ब्रेक यानि की सोशल मीडिया फास्ट कर लेना काफी मददगार साबित हो सकता है। आप इसे छोटे-छोटे स्टेप्स लेकर शुरू कर सकते हैं। जैसे: आप जब खाना खा रहे हैं तब मोबाइल को रख दें, किसी से बात करते समय मोबाइल को साइड में रख दें, अपने सोशल मीडिया फ्रेंड्स की संख्या में धीरे-धीरे कटौती करें, मोबाइल से सोशल मीडिया एप्प्स को कम करें। आप चाहें तो कुछ समय के लिए आपके अकाउंट को डीएक्टिवेट कर दें। ये ब्रेक लेना कठिन हो सकता है, लेकिन यह बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे आपको सोशल मीडिया के साथ अपने रिश्ते को फिर से मजबूत करने का मौका मिलेगा और आप अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

उदास होने पर सोशल मीडिया का उपयोग न करें

जब भी आप उदास, क्रोधित या चिंतित महसूस कर रहे हैं, तो सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचें। जब आप दुखी होते हैं तब कोई भी बात सीधे दिल पर लगती है। और यकीन मानिये ये भावनाएँ सोशल मीडिया के एडिक्शन को बदतर बना सकती हैं। सोशल मीडिया इन भावनाओं को ट्रिगर कर सकता है। यदि आप उदास महसूस कर रहे हैं, तो कुछ और करने का प्रयास करें जिससे आपको बेहतर महसूस हो। उदाहरण के तौर पर आप किसी मित्र से बात कर सकते हैं, टहलने जा सकते हैं, संगीत सुन सकते है, बच्चों के साथ समय बिताइए, या कुछ भी ऐसा कर सकते हैं जिसमें आपकी रूचि हो। यदि आप इन सब के बाद भी परेशान हैं तो किसी से मदद ले सलते हैं। कभी-कभी, चिंता या अवसाद से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य उपचार के रूप में मदद मांगना सबसे अच्छा समाधान हो सकता है।

सोशल मीडिया पर लगभग हर तरह के एकाउंट्स या पेजेस होते हैं जिनमें से कुछ ऐसे एकाउंट्स भी हो सकते हैं जिनके पोस्ट्स देखकर आपको लगे कि अरे ये तो मुझसे ही जुड़ा हुआ पेज है, ये तो मेरे ही फीलिंग्स को पोस्ट कर रहा है। और ऐसे दुखियारे पेज केवल आपको दुखी या डिप्रेस ही करेंगे। ये हानिकारक विचार वाले पैटर्न को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इस तरह के पेज को तुरंत ही अनफॉलो कर देना ही बेहतर विकल्प होता है। जितना हो सके सोशल मीडिया पर फ़ैल रही नेगेटिविटी से दूर ही रहिये।

ट्रिगर्स से रहें सावधान

ट्रिगर्स को साधारण भाषा में समझाएं तो ये एक स्विच की तरह होते हैं जो आप में सोशल मीडिया का उपयोग करने की इच्छा पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए जब आप अकेले बैठे हो, जब आप बोर हो रहे हो। ऐसे में यदि आप जान लेते हैं कि आपके ट्रिगर क्या हैं, तो आप उनसे बचने के लिए अधिक तैयार हो सकते हैं। जब आप ऊब जाएं और इंस्टाग्राम या फ़ेसबुक खोलने की इच्छा हो, तो कुछ और करने का ट्राय करें। जैसे किताब पढ़ने या टहलने का प्रयास करें। जब आप अकेलापन महसूस करें तो किसी मित्र या परिवार के सदस्य से मिल लें या वे दूर हो तो आप उनको कॉल कर सकते हैं। बच्चों के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करना आपको अच्छा फील करवा सकता है। जब आप काम को टाल रहे हों, तो सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने के बजाय अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। इसके अलावा, अपने ट्रिगर्स के बारे में जागरूक रहने से आपको सामान्य तौर पर अपने सोशल मीडिया के उपयोग के प्रति अधिक सचेत रहने में मदद मिल सकती है।

अन्य गतिविधियों को दिनचर्या में जोड़ें

मुख्यतः लोग जब अपना काम करते-करते बोर हो जाते हैं तो सोशल मीडिया स्क्रॉल करने लगते हैं। लेकिन जब सोशल मीडिया एडिक्शन हो जाता है तो लोग काम करना भूल जायेंगे पर सोशल मीडिया स्क्रॉल करना नहीं भूलते। यदि आप इस आदत से छुटकारा पाना चाहते हो तो जब आपको सोशल मीडिया का उपयोग करने की इच्छा हो, तो इसके बजाय कुछ और करने का प्रयास करें। उदाहरण के तौर पर, यदि आपका मन सोशल मीडिया उसे करने का हो रहा हो तो कोई किताब पढ़ने लग जाईये। कुछ ऐसा करिये जिसमें आपकी रूचि हो या टहलने का प्रयास करें। यदि आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के जीवन को देखने के बजाय, किसी मित्र या परिवार के सदस्य से मिलने चले जाये, यदि मिल नहीं पा रहे हो तो उनको कॉल करने का प्रयास करें। यदि आप काम टाल रहे हैं, तो सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने के बजाय, हाथ में लिए काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। आप कुछ क्रिएटिविटी भी कर सकते हैं, जैसे ड्राइंग ,स्केचिंग, या क्राफ्टिंग। आप गाने सुन कर अपना मन बहला सकते हैं। प्रकृति हर किसी को अपने में मंत्रमुग्ध करने की ताकत रखती है यदि आप इन सब में से किसी भी चीज़ से अपने आप को सोशल मीडिया का अनुभव करने से नहीं रोक पा रहे तो कुछ समय प्रकृति की गोद में बिताये। नीले आसमान, हरियाली, नदियां, झीले, पर्वत पहाड़ आपको अवश्य ही आनंदित कर देंगे। लेकिन हाँ प्रकृति के नज़ारे देखते हुए उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने मत बैठ जाईयेगा!

अपने शरीर और दिमाग को दुरुस्त करने के लिए जॉगिंग को अपनाएं

आज कल के इस डिजिटल युग में जो भी काम होता है सब फ़ोन और कंप्यूटर पर ही हो जाता है। साथ ही जब आप सोशल मीडिया के आदी हो जाते हैं, तो आप वास्तविक चीज़ों और दोस्तों के प्रति लापरवाह हो सकते हैं। वहीं, जब आप अपने सेल फोन और कंप्यूटर के साथ लंबे समय तक सोशल मीडिया पर लगे रहते हैं तो आपकी आंखों की रोशनी और रीड की हड्डी पर भी बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। उचित शारीरिक गतिविधि का जीवन में होना बहुत ही आवश्यक होता है। व्यायाम आपको वास्तविक जीवन में सुचारू रूप से संलग्न होने में मदद करते है, और व्यायाम की सही तीव्रता भी आपके शरीर को अच्छा खिंचाव दिला सकती है।

अधिकांश लोगों के लिए दौड़ना या जॉगिंग करना एक आदर्श शुरुआती व्यायाम है। सप्ताह में 3-5 बार जॉगिंग करने से आपको बहुत फायदा होगा। इसके अलावा, दौड़ने की प्रक्रिया में आप कई वास्तविक दोस्त भी बना सकते हैं, अपने आसपास के किसी दौड़ने वाले ग्रुप में शामिल हो सकते हैं, आप छोटी बड़ी रेसेस या प्रतियोगिता का भी हिस्सा बन सकते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार 100 मीटर वाली रेस में भाग लें और उस प्रतियोगिता का आनंद उठाये। सुबह की ताज़ी हवा को महसूस करें, यह हवा आपका ध्यान भटकाने में कारगर साबित होगी। इस हवा से अपनी मानसिक ऊर्जा और अपने लक्ष्य को फिर से जगने दें। अपना तनाव दूर करें और दोस्तों के साथ खेल-खेल में जीवन की सुंदरता का आनंद लें।

अपनी तुलना दूसरों से न करें

आप सोशल मीडिया पर जो देखते हैं वह हमेशा वास्तविकता का सटीक प्रतिनिधित्व नहीं होता है। लोग सोशल मीडिया पर केवल अपने जीवन के सबसे अच्छे भाग ही पोस्ट करते हैं, और वे अक्सर अपनी फोटो को एडिट करते हैं या फ़िल्टर चिपका देते हैं। इसलिए आप सोशल मीडिया पर जो देखते हैं उससे अपने जीवन की तुलना कभी न करें। आप मानिये न मत मानिये लेकिन ऐसा कई बार होता है कि जब आप सोशल मीडिया पर अन्य लोगों का जीवन देखते हैं, तो उनसे अपनी तुलना करने लगते हैं। सोशल मीडिया अडिकशन का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव है दूसरों से अपनी तुलना करना है। उदाहरण के लिए, यदि आप सोशल मीडिया पर किसी मित्र की छुट्टियों की फोटोज और वीडियोस देखते हैं, तो आप उदास हो जाते हैं और अपने जीवन की तुलना उनके जीवन से करने लगते हैं। लेकिन ये तुलना उचित नहीं है। सभी लोग सोशल मीडिया पर अपने जीवन के मुख्य और सुखद घटनाओं के बारे में बात करते हैं। आप नहीं जानते कि उनका दैनिक जीवन वास्तव में कैसा है? आप सिर्फ फोटोज देखकर अपने आपकी तुलना उनसे करके अपने आप को दुखी करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे।

याद रखें कि सोशल मीडिया पर जो भी आप देखते है वह वास्तविकता हो जरुरी नहीं। सोशल मीडिया पर हर बात बड़ा-चढ़ा कर ही बताई जाती है। आपको जो पोस्ट देखने को मिलती है, वह अधिकतर घूमी हुई होती है, या तो किसी विचार को बेचने के लिए केवल सकारात्मक दिखाती है या किसी प्रतिक्रिया को मजबूर करने के लिए नकारात्मक दिखाती है।

निष्कर्ष:

सोशल मीडिया है भले ही कई मायनों में फायदेमंद है लेकिन इसके एडिक्शन के काफी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के लिए एक सही समय सीमा का निर्धारण करना, इससे दुरी बनाने के उपाय करना बहुत ही आवश्यक है। आप जितना अधिक रियल लाइफ एक्टिविटीज को अपने जीवन में शामिल करेंगे, उतना ही बेहतर महसूस करेंगे। सोशल मीडिया स्क्रॉल करने के बजाये बाहरी दुनिया में निकलिए, अपने लिए समय निकालिये और फिर देखिये आप कितना एनर्जेटिक, पॉजिटिव और बेहतर महसूस करेंगे।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here