negative thoughts that can spoil your mental health

हमारी कोई भी क्रिया या प्रतिक्रिया हमारे विचारों पर ही निर्भर करती है। यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि “जैसे विचार हम रखते हैं वैसे ही हम बनते जाते हैं” और काफी हद तक ये सच भी है। सकारात्मक सोच हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालती है और नकारात्मक विचार हमारे जीवन को तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। आज हम बात करने वाले हैं 5 ऐसे नकारात्मक विचारों की जो अगर आपके मन में आ गए तो ये आसानी से आपके दिन का चैन और रातों की नींद छीन लेंगे! साथ ही ये आपकी मेन्टल हेल्थ को हमेशा के लिए ख़राब कर देंगे।

ये हैं वो 5 नकारात्मक विचार

जितना ज्यादा हो सके उतना अपने आपको इन विचारों से दूर रखिये और अगर ये आपके मन में आये तो सकारात्मक सोचिये और अपना ध्यान इनसे हटाइये।

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मैं यह काम नहीं कर सकता / सकती

कोई भी काम करने से पहले या उस काम को करते समय आपके मन में ये ख़याल आ रहा है कि आप उस काम को नहीं कर सकते, आप उस लायक ही नहीं है कि आप उस काम को कर सकें, तो यह विचार आप पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकता है। आप उस काम की सफलता पर संदेह करने लगते हैं और मन बना लेते हैं कि अब ये मुझसे नहीं होगा! इस प्रकार यह विचार न केवल आपके कॉन्फिडेंस को तोड़ देता है बल्कि आपकी मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डालता है। इससे आपकी सेल्फ वर्थ पर आत्मसम्मान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

मुझसे कोई प्यार नहीं करता

हो सकता है बचपन में आपको अपने माता-पिता की इग्नोरेंस का सामना करना पड़ा हो, या फिर आपका हाल ही में ब्रेकअप हुआ या कोई और ऐसी वजह हो जिससे आपको लगता हो कि कोई आपसे प्यार नहीं करता, तो इस विचार को मन से जितना जल्दी हो सके निकाल दीजिये। अगर आप मन में ये विचार बिठा लेंगे तो आप हर किसी से जलन महसूस करेंगे या फिर कोशिश करते रहेंगे कि कोई आपको भी अटेंशन दे। ऐसे में आप हर किसी से फालतू ही यह एक्सपेक्ट करने लगेंगे कि वो आपको प्यार करे, अटेंशन दे, लेकिन ऐसा संभव नहीं है। जो लोग आपके बारे में सच में परवाह करते हैं उनके साथ टाइम बिताएं, आप अच्छा महसूस करेंगे। लेकिन उनके साथ टाइम बिताते समय भी ये विचार मन से बिलकुल निकाल कर ही रखें, क्यूंकि हर किसी को कुछ न कुछ काम होता ही है या किसी और व्यक्ति से सामने वे आपसे उसी तरह से पेश नहीं आ सकते जैसे वो हमेशा आते हैं। ऐसे में बढ़ती हुई एक्सपेक्टेशन आपको और मुश्किलों में फंसा देती है।

साथ ही आप अकेलापन महसूस करने लगेंगे जिससे आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।

मैं अनलकी हूँ / मनहूस हूँ

चाहे जीवन में कुछ भी क्यों न हो जाये, ये कभी मत सोचिये कि आप अनलकी हैं या मनहूस हैं इस वजह से ये सब घटनाएं हो रही हैं। हर घटना के पिछे कोई न कोई कारण जरूर होता है लेकिन हर किसी घटना के होने की वजह आप नहीं हैं। यदि आप खुद को अनलकी कहेंगे तो हमेशा किसी भी काम को करने से पहले आपके मन में नकारात्मक विचार ही आएंगे और जो काम ठीक से होना होगा वो भी बिगड़ जायेगा! इससे आपमें निराशा घर कर लेगी।

मैं बुरा / बुरी हूँ

लोगों की नजरों में बुरा होना कोई बड़ी बात नहीं। लेकिन जब आप अपने आपको बुरा समझने लगें, आपके मन में ये बात घर कर ले कि आप बुरे हैं तो आप नकारात्मकता से भर जाते हैं। आप लोगों से दुरी बनाने लगते हैं और आपमें आत्मसम्मान की भावना खत्म होने लगती है।

लोग हमेशा मुझपर हँसते हैं

कई बार दोस्तों के द्वारा आपका मजाक बनाये जाना या परिवार जनों द्वारा मजाक उड़ाया जाना आपमें इस प्रकार की भावना को पैदा कर देता है। आपको हमेशा यही लगता है कि लोग आप पर हँसते हैं। आप कोई भी काम करने से पहले 10 बार सोचने लगेंगे कि मैं ये करूँगा तो लोग मुझपर हँसेंगे तो नहीं? इसलिए इस विचार को भी त्याग दीजिये और जो लोग आपका मजाक बनाते हैं उनसे थोड़ी दुरी बनाइये, हो सकता है वे आपकी वैल्यू समझें। हो सके तो उन्हें ये बात बताइये, उन्हें समझाने की कोशिश कीजिये। पर ज्यादा नहीं, क्यूंकि इससे आपमें और भी ज्यादा नकारात्मक विचार आएंगे और आप आत्मसम्मान, कॉन्फिडेंस खोने लगेंगे।

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Shubham Jadhav
शुभम एक प्रोफेशनल कंटेंट एवं कॉपी राइटर हैं जो ग्राफ़िक्स डिज़ाइन, SEO और डिजिटल मार्केटिंग का भी ज्ञान रखते हैं। शुभम 11 सालों से इसी फील्ड में कार्यरत हैं, इन्होंने टेक्नोलॉजी, एंटरटेनमेंट, गैजेट्स एवं अन्य अलग-अलग विषयों पर अपने विचारों को ब्लॉग पोस्ट्स में पिरोया है। हायर एजुकेशन के साथ ही वे डिजिटल दुनिया से जुड़ चुके थे और इसी को उन्होंने अपना पैशन बनाया। इन्होने विक्रम विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभवों को मद्देनज़र रखते हुए और मेंटल हेल्थ अवेयरनेस को बढ़ावा देने के लिए भूमिका गेहलोत एवं नितेश हरोड़े के साथ मिलकर उन्होंने सुकूनमंत्रा को शुरू किया।

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